*🌻🪷🌺आज का रात्रि चिंतन🌺🪷🌻*
*🌻🪷🌺इस तरह जीना सीखिए एक सुखद जीवन के लिए यही श्रेष्ठ उपाय है कि विरोध को छोड़कर जीवन को बोध में जीने का प्रयत्न किया जाए जीवन अनिश्चित है और जीवन की अनिश्चितता का अर्थ यह है कि यहाँ हमारे साथ कहीं भी कभी भी और कुछ भी घटित हो सकता है जीवन क्षणिक है यहाँ पर आया प्रत्येक जीव बस कुछ दिनों के मेहमान से ज्यादा कुछ नहीं है इस बात का भी ध्यान रखें कि जीवन को हँसी में जीना है हिंसा में नहीं मनुष्य जीवन पत्तियों पर जमे उस औंस की बूँद के समान है हवा के एक झोंके के साथ ही जिसे अपने अस्तित्व में विलीन हो जाना है चार दिन के इस जीवन को प्यार से जियो अत्याचार से नहीं जिसने भी जीवन की नश्वरता को जानते हुए इस दुनिया में बँटकर नहीं अपितु बाँटकर खाना सीखा निश्चित ही वो दूसरों की स्मृति में अमर भी हो गया*
*🌻🪷🌺स्वर्ग पटरी का प्वांइट बदल जाने पर गाड़ी की दिशा बदल जाती है और कलकत्ता जाने वाली गाड़ी बांबे पहुंच जाती है वैसे ही मन की थोड़ी सी दिशा बदल जाने पर स्वर्ग नरक में बदल जाता है खुद का स्वर्ग मन की निर्मलता विषयों से मुड़कर मन का आत्मा में लौट आना स्वः में गमन स्वर्ग है जिसका आनंद खुद को मिलता है घर का स्वर्ग क्रोध बैर ईर्ष्या द्वेष लोभ मोह का त्याग कर मन में प्राणियों के प्रति प्रेम समता दया क्षमा करुणा सहयोग की भावना होना घर समाज का स्वर्ग है जिसका आनंद जुड़े हुए सभी को मिलता है मन की दिशा सही कर क्षणिक जीवन को स्वर्गमय बनायें अच्छे व्यक्ति को समझने के लिए अच्छा हृदय चाहिए न कि अच्छा दिमाग क्योंकि दिमाग हमेशा तर्क करेगा और हृदय हमेशा प्रेम भाव देखेगा विचार कितने ही उत्तम क्यों न हो जब तक व्यवहार में नहीं आते तब तक उनका कोई महत्व नहीं हैं*
*🌻🪷🌺अपनी बंधु जान पर उनकी इच्छा अनुसार उदारता पूर्वक व्यवहार करना दूसरे भृत्य आदि जनों पर दया रखना सदा ही दुष्ट जनों के साथ धूर्ततापूर्वक व्यवहार करना सज्जनों पर प्रेम करना राजाओं के साथ नीतिपूर्वक आचरण करना विद्वानों पर विनम्र व्यवहार रखना शत्रुजनों पर वीरता प्रदर्शन गुरुजनों के विषय में क्षमाशील रहना स्त्रीजनों के साथ प्रगल्भतापूर्ण व्यवहार करना उक्त व्यवहार कलाओं में जो पुरुष चतुर होते हैं उन्ही पर लोक मर्यादा स्थिर रहती है वे ही उसके रक्षक हैं कर्मबंधन से छूटने के दो उपाय हैं कर्मों के तत्व को जानकर नि:स्वार्थ भाव से काम करना और तत्व ज्ञान का अनुभव करना बहुत-से ऐसे भाई-बहन हैं जो लक्ष्य बनाये बिना ही जीवन व्यतीत कर रहे हैं जीवन तो जा रहा है और मौत भी आयेगी ही इसलिये जीवन का लक्ष्य पहले ही बना लेना चाहिये कि हमें परमात्मा को प्राप्त करना है लक्ष्य बनने पर बहुत फायदा होता है अगर लक्ष्य बन गया तो वह खाली नहीं जायगा परमात्मा की प्राप्ति जरूर होगी लक्ष्य बनने पर फिर समय बर्बाद नहीं होता सार्थक होता है वृत्तियाँ स्वाभाविक ठीक हो जाती हैं अवगुण स्वतः दूर होते हैं संसारका खिंचाव कम होता है आस्तिकभाव बढ़ता है अगर यह फर्क नहीं पड़ा है तो लक्ष्य नहीं बना है साधन हाथ नहीं लगा है सत्संग नहीं मिला है*
*🌻🪷🌺निराशा में नहीं आशा में जियें मानव जीवन एवं बीता हुआ समय बार-बार नहीं मिलता है इसलिए जीवन के प्रत्येक पल को आशा और विश्वास के साथ जीकर उत्सव मनाना सीखिए निराश हताश एवं उदास मन जीवन प्रगति में सबसे बड़े अवरोधक का कार्य करता है निराशा अर्थात सफलता की दिशा में अपने बढ़ते हुए कदमों को रोककर परिस्थितियों के आगे हार मान लेना है निराशा का अर्थ मनुष्य की उस मनोदशा से है जिसमें स्वयं द्वारा किए जा रहे प्रयासों के प्रति अविश्वास उत्पन्न हो जाता है निराशा जीवन और प्रसन्नता के बीच एक अवरोधक का कार्य करती है क्योंकि जिस जीवन में निराशा कुंठा हीनता आ जाए वहाँ सब कुछ होते हुए भी व्यक्ति दरिद्र दुःखी और परेशान ही रहता है स्वयं की क्षमताओं पर प्रयासों पर और स्वयं पर भरोसा रखो दुनिया की कोई भी वस्तु ऐसी नहीं जो मनुष्य के प्रयासों से बड़ी हो इसलिए जीवन को निराशा में नहीं प्राप्त्याशा में जियो*
*🌻🪷🌺दुनिया में कोई भी चीज कितनी भी कीमती क्यों न हो लेकिन निंद शांति और आनंद से बढ़कर कुछ भी नहीं जो ईश्वर में गहरी आस्था रखता है अपना हर काम उसी के निमित्त करता है वह सदैव चिंतामुक्त रहता है चिंता तो उसे होती है जो अपनी ही अपनी सोचता है आसान तो कुछ भी नहीं है इस संसार में एक साँस लेने के लिए भी पहली साँस छोड़नी पड़ती है सिर्फ़ सपनों से कुछ नहीं होता सफलता प्रयासों से हासिल होती है जीवन के पथ चाहे कितने भी कठिन क्यों न हो संघर्ष पथ से ही लक्ष्य की प्राप्ति होती है जितना प्रचंड लक्ष्य उतना ही सुखमय और आनंदित जीवन आपके संघर्षों का परिणाम परम शान्ति ही होता है आप के जीवन कि मंगल कामना ईश्वर से करते हैं कि आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें अगर भाग्य पर भरोसा है तो जो तकदीर में लिखा है वही पाओगे और अगर खुद पर भरोसा है तो जो चाहोगे वही पाओगे मेरा मानना है कि किसी व्यक्ति का पतन तब शुरू हो जाता है जब वह अपने करीबी लोगों को गिराने की सलाह दूसरों से लेने लगता है साथ ही अहंकार मनुष्य को वह सब करवाता है जो उसके लिए सही नहीं है फिर भी वह व्यक्ति करता है जिस कारण अहंकार ही व्यक्ति के विनाश का कारण बनता है इसलिए ऐसे व्यक्ति से बचे तभी जीवन जीने में आन्नद आयेगा और जीवन सुखद बनेगा अन्यथा पछतावे के अलावा कुछ नही मिलेगा*
*🌻🪷🌺झुक के जीना सीखो ताकि दूसरों के आशीर्वाद भरे हाथ सहजता से आपके सिर तक पहुँच सकें बिना झुके विवाद मिलता है आशीर्वाद नहीं जीवन में उन सपनों का कोई महत्व नहीं जिनको पूरा करने के लिए हमें अपनों से ही छल करना पड़े तुलसी दास जी एक दम सत्य लिखें है जैसा हम कर्म करते है वैसा फल हमारे लिए रखा है व्यक्ति क़ो कोई कष्ट नहीं देता ना कोई इंसान ना भगवान हम परेशान है दुःखी है तो सिर्फ अपने कर्म से कर्म का फल बहुत मीठा होता है परन्तु जैसा आप करेगे वैसा फल पाएंगे कपड़ों की मैचिंग बिठाने से सिर्फ शरीर सुंदर दिखेगा रिश्तों व हालातों से मैचिंग बिठा लीजिये पूरा जीवन सुंदर हो जाएगा सिर्फ़ सपनों से कुछ नहीं होता सफलता प्रयासों से हासिल होती है दूसरों की भूल देखने के लिए दूरबीन का उपयोग करने की बजाय अपनी भूलों को देखने के लिए दर्पण का उपयोग कीजिए*
*‼️🌻🪷🌺जयश्रीविष्णु हरिवन्दना: 👏‼️*
*‼️🌻🪷🌺ॐ श्री विष्णुवै नंमः👏🌻‼️*
*🌻🪷🌺ॐनंमों,भगवते,वासुदेवाय नंमः👏*
*‼️🌻🪷🌺ॐ शान्ता कारम्, भुजंग शयनम्,पद्मनाभम् सुरेशम्ं विश्वाधारम्, गगन सदृशम्, कमलनयनम् योगि र्धिध्यान गंम्यम्, वन्दे विष्णु भव भय हारम् सर्व लोकै क नाथम्,लोक नाथम्,भगवान विष्णुः नमों नंमः,आप सभी सम्मानित गुणीजनो को सादर प्रणाम करते हुए सर्वसमर्थ स्वस्थ आनंदित रहे👏🌺🪷🌻‼️*
*‼️🌻🪷🌺दीन दयाल बिरिदु संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी👏🌺🪷🌻‼️*
*‼️🌻🌺जयश्री कृष्ण राधेराधे👏🌺🌻‼️*
*🌻🪷🌺शुभरात्रि मंगलमय हो👏🌺🪷🌻*