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अमेठी में पर्व-त्योहारों और परीक्षाओं के मद्देनज़र धारा-163 लागू, नियमों का उल्लंघन होगा दंडनीय: अपर जिला मजिस्ट्रेट का कड़ा संदेश*

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*अमेठी में पर्व-त्योहारों और परीक्षाओं के मद्देनज़र धारा-163 लागू, नियमों का उल्लंघन होगा दंडनीय: अपर जिला मजिस्ट्रेट का कड़ा संदेश*

अमेठी: आगामी पर्वों, त्योहारों और विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षाओं की दृष्टि से अमेठी जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु धारा-163, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया गया है। अपर जिला मजिस्ट्रेट (वि./रा.) अर्पित गुप्ता ने बताया कि यह निषेधाज्ञा 6 नवम्बर 2024 से 3 जनवरी 2025 तक जिले की संपूर्ण सीमा में लागू रहेगी।

निर्देशों के अनुसार, छठ पूजा (7 नवम्बर), गुरु नानक जयंती/कार्तिक पूर्णिमा (15 नवम्बर), वीरांगना ऊदादेवी शहीद दिवस (16 नवम्बर), गुरु तेगबहादुर शहीद दिवस (24 नवम्बर), चौधरी चरण सिंह जन्मदिन (23 दिसम्बर), क्रिसमस ईव (24 दिसम्बर) और क्रिसमस (25 दिसम्बर) जैसे आगामी पर्वों और विभिन्न परीक्षाओं के दौरान सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं। प्रशासनिक अनुमति के बिना किसी प्रकार के जुलूस और सार्वजनिक स्थानों पर 5 से अधिक व्यक्तियों का जमावड़ा प्रतिबंधित रहेगा।

अपर जिला मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार से धार्मिक या सामाजिक उत्तेजना फैलाने, विभाजनकारी बयानबाजी, सामुदायिक तनाव या भ्रम फैलाने वाले किसी भी आचरण पर कड़ी नजर रखी जाएगी। साथ ही, परीक्षा परिसरों में अनुचित साधनों जैसे मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, गाइड बुक, प्रश्न बैंक आदि पर प्रतिबंध रहेगा। परीक्षा केंद्रों के 200 गज की परिधि में प्रतिबंधात्मक उपाय अपनाए जाएंगे, और परीक्षा के दौरान फोटो कॉपी की दुकानें बंद रहेंगी।

ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के तहत औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय और शांति क्षेत्र के लिए निर्धारित डेसिबल सीमा का कड़ाई से पालन करना होगा। निर्धारित समय सीमा के बाहर डीजे या लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के वर्जित रहेगा, और नियमों के उल्लंघन पर कानूनी कार्यवाही होगी। साथ ही, धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज केवल परिसर तक ही सीमित रहेगी।

इसके अलावा, किसी भी व्यक्ति को बिना विश्वसनीय पहचान प्रमाण के साइबर कैफे का उपयोग नहीं करने दिया जाएगा, और सभी आगंतुकों का रिकॉर्ड रखा जाना अनिवार्य है। साइबर कैफे के लिए कैमरा लगाना और आगंतुकों की जानकारी का संकलन करना भी जरूरी होगा।

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक स्थानों पर पुतला दहन, किसी भी प्रकार की अव्यवस्था, या नशे में वाहन चलाने और अश्लील भाषा का उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। सोशल मीडिया पर ग्रुप एडमिन की जिम्मेदारी होगी कि किसी भी तरह की भड़काऊ अफवाहों को तत्काल हटाकर स्थानीय पुलिस को सूचित किया जाए।

आदेश के प्रभावी प्रचार-प्रसार के लिए सभी थानाध्यक्षों को लाउडस्पीकर के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्रों में घोषणा करने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही आदेश की प्रतियां सभी प्रमुख स्थानों, तहसील, स्थानीय निकाय कार्यालयों और कलेक्ट्रेट के नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाएंगी।

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